पुस्तक चर्चा – ‘I am Not the Gardener’
03 अप्रैल, 2023
को राज बिसारिया जी की किताब, ‘I
am Not the Gardener’ के विमोचन समारोह में जाने का सुयोग हुआ. विमोचन Metaphor
Lucknow Litfest के तत्वावधान में गोल्फ क्लब, लखनऊ में आयोजित किया गया. एक तो रङ्गमञ्च के
शलाका पुरुष, राज बिसारिया जी, की किताब, उस पर Metaphor Lucknow Litfest का आयोजन,
जाना तो अवश्यंभावी ही था.
किताब कविताओं की है, उस
पर अंग्रेजी में है फिर भी राज बिसारिया जी की कविताओं से परिचित होने का, उनसे और
उनके बारे में सुनने का आकर्षण ऐसा दुर्निवार था कि अंग्रेजी ( अंग्रेजी और मेरा रिश्ता
तो मालूम ही है ना ! मैं कहाँ और ये बवाल कहाँ … ) जाते ही बना. उनके बारे में चुटीले
अंदाज़ में संस्मरणात्मक वक्तव्य अतुल तिवारी जी, सलमान ख़ुर्शीद जी व अन्य कई लोगों
ने दिया, कई मित्रों व परिचितों से भेंट भी हुई … किंतु विमोचन समारोह के बारे में
नहीं, किताब के बारे में कुछ कहूँगा.
किताब ली और पढ़ भी ली. बताया
गया था कि हिन्दी और अंग्रेजी में कविताओं का संकलन है किंतु इस संकलन में अंग्रेजी
की ही कविताएं हैं. विभिन्न मूड को व्यक्त करती हुई और कई विषयों
पर 37 कविताएं हैं इसमें और ये कई वर्षों में लिखी गयीं. जो कुछ कविताएं मैंने लक्ष्य
कीं, उनमें से कुछ अंश देखें तो शायद इस संकलन की झलक मिल सके.
जिस कविता पर इस किताब का
शीर्षक रखा गया, उस कविता का शीर्षक है The Curtain Boy और वह इस संकलन की पहली
कविता है, कुछ पंक्तियां देखें –
I
am not the gardener,
Nor
the owner of the garden.
My
job is to do odd things
To
weed out little wrongs:
To
keep the pathway clean
For
you when you walk abroad: …
To a Young Actor
की कुछ पंक्तियां देखें. रङ्गमञ्च के सिद्ध निर्देशक की ये पंक्तियां युवा कलाकारों
से क्या कहती हैं –
…
You too will rise, late at nights
And
share your love with faces
Without
names and
Names
without faces.
And
in you will be born
A
delicate concern
For
not only your own,
But
those who have gone this way
Before,
and will after you
You
will as wind and water
In
not belonging, belong everywhere…
*******************
… You are accountable alone
On a page
Still left blank
In the stillness of Time,
-
Song of Self से.
5
हिस्सों में कविता है Tomorrow प्रेम और विरह से युक्त आसन्न कल की कुछ अभिव्यक्तियां
हैं इसमें, कुछ पंक्तियां देखें –
And
in between when
Doubts
come to tease
And
time comes to tear
My
heart’s raiment bare
And
all around me gray
Is
stealing sadly, slowly
In
my heart, and hair,
What
then will I tell them ?
This
is how I love her.
कविताएं तो सभी मननीय हैं, जो अंश यहाँ दे रहा हूँ, वह नमूना भर हैं. बस एक
कविता Resonance का कुछ हिस्सा देखें और रुचि उत्पन्न हो रही हो तो किताब से
सारी कविताएं पढ़ें –
Love
is so much of the
Nothingness
As
ripe the sage’s mind
In
vacancy, in
Mindlessness,
Resonance of sentience
Melodies
scaling
Horizons
Clouds
of heavenlessness …
कुछ किताब के कलेवर के बारे
में –
किताब के कलेवर की चर्चा
न की जाए तो कुछ अधूरा सा लगेगा. किताब का कागज, छपाई, बाईण्डिंग … सभी कुछ उच्चकोटि
का है. यह मुझे इसी किताब से मालूम हुआ कि किताबों के भी लिमिटेड एडिशन होते हैं. किताब
पर लिखा भी है, Limited first edition. किताब चिकने और मोटे कागज पर मुद्रित
है. कवर सज्जा आप देख ही रहे हैं, हर पेज पर कुछ ग्राफिक्स और फोटोग्राफ्स हैं ( कुछ
की छायाप्रति चस्पा है ) जो लेखक के व्यक्तिगत संग्रह से लिए गये हैं, कुछ पोट्रेट
तो कुछ मञ्चन के और कुछ इमारतों के. किताब के साथ उसकी सज्जा से मेल खाता हुआ सुंदर
बुक मार्क भी है. कुल मिला कर किताब पठनीय के साथ कलात्मक भी है.
किताब
- I am Not the Gardener’
लेखक
– राज बिसारिया
विधा
– काव्य
प्रकाशक
– Terra Firma, Bangalore
दाम
- 275/-
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